पीएम के बारे में टिप्पणी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर खारिज करने की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया

Apr 07, 2023
Source: https://hindi.livelaw.in/

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा की उस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी कथित 'नरेंद्र गौतम दास मोदी' टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग की गई है । सुप्रीम कोर्ट द्वारा कथित टिप्पणी को लेकर वाराणसी और असम में उनके खिलाफ एफआईआर को क्लब करने और उन्हें पुलिस स्टेशन, हजरतगंज, लखनऊ में स्थानांतरित करने के कुछ दिनों बाद खेड़ा ने हाईकोर्ट का रुख किया है । खेड़ा ने एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए मामलों की जांच पर रोक लगाने की भी मांग की है। जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी की पीठ के समक्ष खेड़ा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट जेएन मथुरा ने सूचित किया कि यद्यपि असम में दर्ज एफआईआर में शिकायतकर्ता, प्रतिवादी सं. 6 द्वारा कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया, हालांकि, जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत केवल आईपीसी की धारा 153-ए, 153-बी (1)/500/504/505(1)(बी)/505 के तहत नोटिस जारी किया है। (2) और उन्हें अपना बयान देने का निर्देश दिया। उन्होंने आगे तर्क दिया कि हालांकि आईपीसी की धारा 295 और 120-बी को जांच के दायरे से हटाने पर, ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी का कोई आसन्न खतरा नहीं है, लेकिन फिर भी जांच को ही रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह दमनकारी है। सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च को पारित आदेश पर ध्यान देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने पहले ही खेड़ा को अंतरिम संरक्षण दे दिया है और न्यायिक न्यायालय के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का विकल्प भी दिया है, इसलिए इसकी कोई आवश्यकता नहीं है कि फिलहाल कोई भी अंतरिम आदेश दें। इसके अलावा, राज्य और निजी उत्तरदाताओं को लिस्टिंग की अगली तारीख (4 मई) तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। 23 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपनी टिप्पणी के लिए खेड़ा को असम पुलिस ने दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। दिल्ली में न्यायिक मजिस्ट्रेट खेड़ा की अंतरिम जमानत को बाद में 28 फरवरी 2023 से बढ़ाकर 3 मार्च 2023 और फिर 17 मार्च 2023 तक कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट करण शर्मा, एसएम आबिद, रोहित कलियर, मोहित सिवाच और शीरन एम अल्वी की सहायता से सीनियर एडवोकेट जेएन माथुर उपस्थित हुए। आगा शिव नाथ तिलहरी राज्य उत्तरदाताओं के लिए उपस्थित हुए।

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